अमृता .......... शायद एक शब्द हो तुम्हारे लिए पर सबसे करीबी एहसास है मेरे लिए ............
शायद जिन्दगी में शुमार तुम्हारे लिए पर साँस है मेरे लिए .........
शायद पल भर का साथ हो तुम्हारे लिए पर तमाम जन्मों का आस है मेरे लिए ...............
बेसाख्ता उसका बोलना तुम्हें याद नां रहे शायद उसकी हर बात मगर ख़ास है मेरे लिए ........
Saturday, September 19, 2009
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