Friday, July 31, 2009
इमरान हासमी
इमरान हासमी का रोना बिलखना इस बात का की उसे मुसलमान होने की सज़ा दी जा रही है और उसे मुंबई में कोई अपना घर देने को टायर नहीं है, ये बात कहाँ तक जायज़ है और कहाँ तक नहीं इसे कहना मेरे ख्याल से जायदा कठिन नहीं है , क्या ३० करोड़ मुसलमान आज सड़क पे रह रहे हैं , या सबसे अहम् बात यह है की क्या हासमी साहब आज सड़क पे रह रहे हैं ,क्या हिन्दुओं ने उसकी फ़िल्म नहीं देखी हैं क्या ,क्या किसी अभिनेत्री ने हासमी साहब के साथ काम करने के लिए कभी मन किया है क्या ,इस देश की जनता ने उसे या किसी मुस्लमान को उसके मुसलमान होने पर घर या नौकरी पे नहीं रखा है क्या ,हासमी साहब को पाकिस्तान जन चाहिए और देखना चाहिए की वहां हिन्दुओं पे क्या गुज़रती है ,फिर इस देश में अल्पसंख्यक होने की बात पे फायदा उठायें और हिंदू और मुस्लमान के बीच नफरत की दरार को और गहरा करें ,सरम आनीचाहिए उनलोगों को जो ये कहते हैं की में मुसलमान होने की या हिंदू होने का दर्द उठा रहा हूँ ,
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